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आसनसोल (बंगाल) से दूल्हा बरात लेकर रामगढ़ (झारखंड) के अरगड़ा आया। धूमधाम से शादी की हसरत पूरी हुई, लेकिन दूसरे दिन लॉकडाउन लग गया।
ऐसे में दुल्हन को विदा कर घर ले जाने की दूल्हे की हसरत पिछले 35 दिनों से पूरी नहीं हो पाई। और तो और दूल्हे के साथ आए बराती भी फंस गए। ये बराती आए तो छप्पन भोग छकने लेकिन अब खुद आटा गूंथ कर रोटियां बेलने को मजबूर हैं।
अरगड़ा स्थित पंचायत भवन में 70 बराती और घराती मिलकर सुबह, दोपहर व शाम का खाना बना रहे हैं। शुरू में तो खाने-पीने का सामान था और कुक भी। लेकिन दो - तीन दिनों बाद खाद्य सामग्री खत्म हो गई, कुक भी चला गया।
इसके बाद प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाएं लगातार इनके खाने - पीने के इंतजाम में लगी हुई है। कुक के जाने के बाद कुछ दिनों तक घरातियों ने सारा इंतजाम अपने हांथ में रखा, पूड़ी - सब्जी बनाकर ससम्मान बरातियों को खिलाते रहे। लेकिन कुछ दिनों बाद बरातियों ने हांथ बंटाना शुरू कर दिया।
मेहमान पहुंच गए 23 मार्च की रात को शादी हुई ,24 मार्च को मंगलवार होने के कारण विदाई नही हो सकी लेकिन उसी दिन कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा हो गई।
Source - इंटरनेट
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