किसान आंदोलन में रिलायंस जियो के बहिष्कार की गूंज टेलीकॉम नियामक ट्राई तक पहुंच चुकी है. मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस जियो ने ट्राई को चिट्ठी लिख कर एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया की शिकायत की. रिलायंस जियो ने कहा है कि एयरटेल और वोडाफोन आइडिया अपने कर्मचारियों, एजेंट और रिटेलरों के द्वारा पंजाब और उत्तर भारत में भ्रामक MNP (मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी) का कैंपेन चला रही हैं. इसके चलते रिलायंस जियो को बड़े पैमाने पर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की दरख्वास्त आ रही है.
जियो के नेटवर्क से दूसरे ऑपरेटरों के नेटवर्क पर अपना नंबर पोर्ट कराने की सबसे बड़ी वजह ग्राहक किसान आंदोलन को ही बता रहे हैं. इसके चलते कंपनी के नेटवर्क से बड़े पैमाने पर ग्राहक दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर्स के नेटवर्क पर अपना नंबर पोर्ट करा रहे हैं. रिलायंस जियो ने ट्राई से शिकायत की है कि अब ना सिर्फ उत्तर भारत में बल्कि महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों में भी भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रिलायंस जियो के बहिष्कार के कैंपेन को गलत तरीकों से बढ़ावा दे रही हैं.
#Jio accuses #Airtel, #Vi of capitalising on farmers' protests by showing it as beneficiary of new farm laws#farmersrprotest #farmersagitation https://t.co/hhEmCeGwgi
— DNA (@dna) December 15, 2020
अपनी चिट्ठी में रिलायंस जियो ने साफ किया है कि पंजाब समेत उत्तर भारत में भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ऐसे कैंपेन को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर हवा दे रही हैं जिससे कंपनी की छवि खराब होती है. इसके चलते बड़े पैमाने पर रिलायंस जियो के ग्राहक रिलायंस जियो के नेटवर्क से अपना नंबर पोर्ट करा रहे हैं. कंपनी ने इस संबंध में जो कैंपेन चलाए जा रहे हैं इस चिट्ठी के साथ संलग्न किए हैं.
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