कोरोना संकट के बीच धरती पर महाप्रलय की संभावना जताई जा रही है. एक्सपर्ट का दावा है कि ओजोन लेयर में छेद के चलते पृथ्वी पर सामूहिक विनाश हो सकता है. हमेशा से दावे किए जाते रहे हैं कि धरती खत्म होने वाली है. हालांकि अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ. लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होने वाला है कि अब वाकई ऐसा हो सकता है.
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दरअसल, 6.60 करोड़ साल पहले एक बार ऐसा आया था जब बहुत बड़ा उल्कापिंड धरती से आकर टकराया था. इसके धरती पर मौजूद 75 प्रतिशत से ज्यादा जीव-जंतु मर गए थे और लगभग धरती समाप्त हो गई थी. इस दौरान करोड़ों सालों तक आसमान में सिर्फ धुआं ही धुआं नजर आता था. तब धरती पर सूरज का प्रकाश भी नहीं पहुंचता था और दिन में भी रात नजर आती थी.
दोबारा तहस-नहस हो सकती है धरती
एक्सपर्ट का कहना है कि एक बार फिर ऐसे हालात बन रहे हैं. एक्सपर्ट ने अपनी खोज में दावा किया है कि ये घटना दोबारा हो सकती है. वैज्ञानिकों के अनुसार, 6.60 करोड़ साल पहले हमारी पृथ्वी पर मौजूद पेड़-पौधे और समुद्री जीव-जंतु सब खत्म हो गए थे. ये हादसा ओजोन लेयर में छेद होने की वजह से हुआ था.
एक नए रिसर्च में पता चला है कि ओजोना लेयर में छेद होने की वजह से तब साफ पानी के अंदर मौजूद जीवन, जीव-जंतु आदि सब खत्म हो गए थे. धरती पर सिर्फ आग ही आग बची थी, इससे भयानक गर्मी थी. वैज्ञानिकों को कुछ पुरातन पत्थरों के छिद्रों में बेहद सूक्ष्म पौधे मिले हैं. इन पौधों का जब अध्ययन किया गया तो ऐसा सामने आया.
ओजोन परत की वजह से आ सकता है महाप्रलय
वैज्ञानिकों ने इन पौधों के डीएनए के अध्ययन में पाया कि सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों की वजह से ये पौधे जलकर खाक हुए हैं. इससे वैज्ञानिकों के होश उड़ गए हैं. दरअसल, अभी जो ओजोन परत हमें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है वो फिर बड़ा नुकसान कर सकती है. वैज्ञानिकों ने बताया कि ओजोन लेयर में छेद होने की वजह से जितनी गर्मी बढ़ी उससे धरती के अंदर ज्वालामुखी फटे.


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